एलोन मस्क आणि अमेरिकेचे अध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प यांच्यातील वाद वाढतच चालला आहे? मुख्य कारण

“बिग ब्युटीफुल बिल” वरून टेस्ला आणि स्पेसएक्सचे सीईओ एलोन मस्क आणि अमेरिकेचे अध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प यांच्यातील वाद वाढतच चालला आहे. एलोन मस्क यांनी या विधेयकावरून पुन्हा एकदा अमेरिकन राष्ट्राध्यक्षांवर निशाणा साधला आहे आणि ट्रम्प यांच्या प्रचंड कर आणि खर्चाच्या विधेयकावर टीका केली आहे.

‘Big Beautiful Bill’ (आधिकारिक रूप से One Big Beautiful Bill Act, OBBBA) एक विशाल बजट पुन:सम्मिलन विधेयक है जिसे हाल ही में अमेरिकी सीनेट ने स्वीकृत किया है।

🏛️ प्रमुख तथ्य:

सिनेट में पास — इसे 51–50 वोट से मंजूरी मिली, जिसमें उपराष्ट्रपति J.D. Vance ने टाई-ब्रेकिंग वोट डाला ।

मूल रूप से H.R. 1 — यह विधेयक 16 मई 2025 को H.R. 1 के रूप में पेश किया गया था और 22 मई को हाउस में पारित हुआ था ।

अगला कदम — अब इसे पुनर्संस्करण (reconciliation) के लिए دوبارہ हाउस में भेजा गया है, जहाँ संशोधनों को अंतिम रूप दिया जाएगा ।


📌 मुख्य प्रावधान:

टैक्स कट्स — ट्रम्प के 2017 के टैक्स कट्स को स्थायी रूप से कायम रखा गया; टिप्स, ओवरटाइम पे, और कुछ कर्ज़ पर नई कटछूट ।

चाइल्ड टैक्स क्रेडिट — $2,200 तक बढ़ाया गया (हाउस ने $2,500 की मांग की थी) ।

SALT deduction — राज्य और स्थानीय टैक्स कटौती की सीमा बढ़ाकर $40,000 की गई (2028 तक) ।

रक्षा एवं सीमा सुरक्षा — लगभग $50–150 बिलियन सम्बंधित खर्च बढ़ाया गया ।

Medicaid व SNAP में कटौती — Medicaid में ~$1.2 ट्रिलियन और SNAP में भी बड़े कटौती प्रस्तावित हैं ।

AI नियंत्रण निषेध — दस वर्ष के लिए राज्यों के AI नियमों पर रोक लगाई गई ।


📊 प्रभाव और आलोचना

कर्ज़ और घाटा — CBO ने 2025–2034 तक $2.4 ट्रिलियन तक घाटे का अनुमान लगाया (कुछ आकलन $2.8–3.4 ट्रिलियन तक) ।

स्वास्थ्य बीमा में कटौती — अनुमानित 10.9 मिलियन लोग Medicaid खो सकते हैं ।

राजनीतिक विभाजन — तीन GOP सीनेटर (Tillis, Collins, Rand Paul) ने विरोध किया; Schumer ने Medicaid कटौती पर चिंता जताई ।

लोकप्रियता व दृष्टिकोण—भारी खर्च और सामाजिक सुरक्षा में कटौती के कारण विपक्षी दल विशेष रूप से चिंतित हैं ।


🔮 अब आगे क्या?

  1. हाउस में दोबारा विचार और संशोधन।
  2. यदि पारित होता है, तो इसे राष्ट्रपति द्वारा जारी किया जाएगा—संभावित समय सीमा 4 जुलाई । 3. मीडिया और पॉलिटिकल विश्लेषक इसे ले कर तीखी बहस में हैं—“death by a thousand cuts,” “बजट का बोझ,” “गरीबों पर तंज” की टिप्पणियां सामने आई हैं ।

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